Friday, April 30, 2010

Petition for leopards : Please support this cause









TAKE ACTION :Leopard killed in Haryana for no reasons Naresh Kadyan

Click here Abhishek Kadyan














Mr. India 2008 Pravesh Rana Join Save Tiger Campaign - Abhishek Kadyan

















WILD TIME in Conversation With Naresh Kadyan







TAKE ACTION : Big Cats Have Right to Live, Self Defense as Well - Naresh Kadyan














Thursday, April 22, 2010

http://www.tribuneindia.com/2010/20100423/haryana.htm#11

Karnal, April 22
The Karnal leopard killing case took a new turn today with noted environmentalist and wildlife activist Naresh Kadiyan lodging a complaint against the police personnel involved in the shooting of the “big cat” under Section 9 of the Wildlife Protection Act and penalties under Section 51.

Kadiyan, who lodged the complaint against sub-inspector Som Pal and others in the Sadar police station, said the “brazen act” of the police tantamounted to “poaching” and punishable with imprisonment up to three to seven years and a fine of Rs 25,000. He also demanded that the case be investigated by the Wildlife Crime Control Bureau.

However, local villagers took a diametrically opposite stand and maintained that the policemen acted to save their lives and announced to publicly honour the policemen.

In fact, the Forest Department was to be blamed for the incident as it failed to capture the leopard and rescue the people under attack.A case should be registered against the forest officials concerned who did nothing to save the people from attacks by wild animals and not against the policemen who killed the leopard to save innocent people, they argued.

Meanwhile, Naresh Kadiyan launched a “light a candle” campaign on the Internet to pay homage to the dead leopard and to create awareness about wildlife protection among people.

कलेसर के जंगल से भटक कर आज तड़के करनाल की सूरज नगर कालोनी में आ घुसे एक 4 वर्षीय तेंदुए ने आठ

लोगों पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया और आखिरकार एक बुजुर्ग चौकीदार को तेंदुए के जबड़े से निकालने के लिए प्रशासन को उसके ऊपर गोलियों की बौछार करनी पड़ी।
मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम करवाकर स्थानीय मंगलपुर फोरेस्ट कॉम्पलैक्स में दोपहर बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। घायलों में संदीप, प्रदीप, चौंकीदार लक्की, सतीश, जसबीर और राजेश शामिल हैं और उन्हें उपचार के लिए ट्रामा सैंटर में दाखिल करवाया गया। शुगरमिल के निकट स्थित सूरज नगर कालोनी की आज की सुबह आतंकभरी रही। लोग इस तेंदुए के आतंक से घर छोड़ कर भाग निकले और प्रशासन से मदद की गुहार की गई। पुलिस के कंट्रोल रूम पर आज करीब पौने आठ बजे यह सूचना मिली कि कालोनी में एक शेर का बच्चा घुस आया है। कंट्रोल रूम से तत्काल सदर थाना के प्रभारी गोरखपाल राणा और क्षेत्र की पीसीआर को सूचित किया गया और पुलिस विभाग का अमला आनन-फानन में कालोनी में जा पहुँचा। इसी दौरान पुलिस अधीक्षक राकेश आर्य, उपपुलिस अधीक्षक सुरिन्द्र सिंह भोरिया, वन विभाग के अधिकारी ओम प्रकाश बिश्रोई और नायब तहसीलदार महिन्द्र सिंह भी मौके पर पहुँच गए और जांच करने पर यह पता चला कि कालोनी में घुसा हुआ प्राणी शेर का बच्चा नहीं बल्कि एक हिंसक तेंदुआ था।
कालोनी के निवासियों ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि तेंदुए को करीब छ: बजे के आसपास देखा गया था। इसी दौरान जब भीड़ बढऩे लगी तो तेंदुए का गुस्सा बढ़ गया और उसने एक से दूसरे घर में कूदते हुए लोगों पर हमला शुरू कर दिया। इसी दौरान कालोनी निवासियों ने लाठियों से तेंदुए पर हमला करने का प्रयास भी किया और गुस्साए तेंदुए ने जसबीर सिंह को काटकर घायल कर दिया। इसके पश्चात तेंदुआ ओमबीर के घर जा घुसा और इसी दौरान उसने संदीप नाम के एक युवक पर भी हमला कर दिया।
पुलिस प्रशासन की मुश्किल उस वक्त बढ़ गई जब देखते ही देखते तेंदुए ने सुलतान सिंह के घर में किराएदार के रूप में रह रहे एक 20 वर्षीय युवक मोहित के सिर को अपने जबड़े में ले लिया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। बेकाबू तेंदुआ इसी दौरान नंदलाल के घर में जा घुसा और जब उसने एक बुजुर्ग चौकीदार पर हमला किया तो पुलिस ने उसे बचाने के लिए तत्काल गोलियों की बौछार कर दी लेकिन तेंदुए ने एक चौकीदार की बाजू को चबा लिया और घायल होते हुए भी एक से दूसरे घर में भागता रहा। इस दौरान इंस्पैक्टर गोरखपाल ने रिवाल्वर से, उपनिरीक्षक गजराज सिंह ने तथा सोमप्रकाश ने अपने एसएलआर से कई राऊंड फायर किये। एकत्रित लोगों द्वारा भी तेंदुए पर लाठियों से ताबड़तोड़ प्रहार भी किए गए और आखिरकार सवा आठ बजे घायल तेंदुए ने दम तोड़ दिया।
मौके पर पहुँचे इनेलो विधायक नरेन्द्र सांगवान ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों के पास ऐसा पर्याप्त साधन होने चाहिएं जिनसे वन्य प्राणियों को मारने की बजाय उन्हें जीवित पकड़ा जा सके। इस बीच रोहतक डिवीजन के वाइल्ड लाइफ आफिसर जगदीश चंद्र ने दैनिक ट्रिब्यून के साथ बातचीत के दौरान बताया कि बचाव अभियान के दौरान तेंदुए को करीब 10 गोलियां लगी हैं। उन्होंने कहा कि विभाग का यह प्रयास रहता है कि वन्य प्राणियों को मारा न जाये लेकिन कई बार इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि उन्हें मारना पड़ता है।
सूत्रों से पता लगा है कि हालांकि कुरुक्षेत्र से तेंदुए को बेहोश करने का सामान लाया गया था लेकिन उससे पहले ही गोलियों की बौछार से घायल होकर वह मर गया। वन्य प्राणी संरक्षण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हालांकि तेंदुए अक्सर हमला नहीं करते जब उन्हें तंग किया जाए तो वह हिंसक रूप ले लेते हैं। इस बीच इंटरनैशनल ऑर्गेनाइजेशन फार एनीमल प्रोटेक्शन ने कुछ ही दिनों में हरियाणा के तीन शहरों में तेंदुओं की मौत पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार और विभाग के आला अधिकारियों से जवाब मांगा है। हरियाणा सरकार और चीफ वाईल्ड लाइफ वार्डन को आज भेजे गए पत्र में संस्था के सदस्य नरेश कादियान ने कहा है कि जींद की घटना के पश्चात करनाल के पुलिस अधिकारियों ने भी वन्य प्राणियों अधिकारियों की मौजूदगी में तेंदुए को मारने का अपराध किया है। ऑर्गेनाइजेशन ने मांग की है कि तेंदुए को मार गिराने की घटना के जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ वाईल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत कार्यवाही की जाये।

This committee is going to justify the leopard killings for no reasons in Haryana

http://epaper.hindustantimes.com/ArticleImage.aspx?article=23_04_2010_006_005&mode=1

Leopard Killed Again By the Haryana Police in Karnal Today - Naresh Kadyan